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कहानी के कुछ अंश :
स्नेहा ने आज सफ़ेद-गुलाबी रंग का वही सूट पहना हुआ था जो कुछ साल पहले रोहन ने ही उसे जन्मदिन पर गिफ्ट किया था l सूट अभी भी इतना नया लग रहा था मानों कल ही खरीदा हो, इतने सालों से सहज कर जो रखा था l"
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रोहन कुछ दिनों से भगवान को लगातार कोस रहा था कि वो उसकी मदद क्यों नहीं करते l पर आज उसे प्रकृति का नियम समझ आ रहा था, उसे गीता का सार भी आज इतने सालों बाद समझ आ रहा था कि-
‘भगवान आपको मौके देगा, मार्गदर्शन और संशाधन भी उपलब्ध करवा देगा पर युद्ध अंततः आपको ही करना होगा
